जिस समय पति से घर का कोई काम करा रही हों -
* 1 . उस समय आपको खाली नहीं रहना चाहिए कुछ करती हुई ही दिखाई दें.चाहे दूसरे कमरे में चली जाइये वहाँ चाहे जो चाहें करिए .चले जाना इसलिए भी अच्छा है कि काम करने का उनका बेतुका तरीका देख कर आप बिना टोके रह नहीं पाएँगी .पता नहीं पत्नी के सामने ऐसे करने लगते हैं या इस व्यक्ति के ढंग ही ऐसे हैं. बेकार में कहा-सुनी होने लगे तो जो काम हो रहा है उससे भी जाएँगी.
* 2 . दिखना यही चाहिए कि आप व्यस्त हैं .कुछ पढ़ना ही चाहें तो कोई कपड़ा और सुई-धागा सामने कर के, कोई देखे तो लगे कि कुछ सिलाई चल रही हैं.
* 3 .इधर आना हो तो हँसती हुई कदापि न आएं ,खुश न दिखाई दें नहीं तो वे समझेंगे मुझसे काम करा के खुश हो रही है .
* 4 . थोड़ा सा मुँह बना लें तो और अच्छा .किसी बात पर हँसी भी आए तो दूसरी जगह जाकर हँस आएँ ,इधर आने पर गंभीर होना या मुँह ज़रा चढ़ा होना फ़ायदेमंद है .इससे उनकी हिम्मत नहीं पड़ेगी कि कहें 'ज़रा यह उठा दो '', देखो तो ज़रा..' वगैरा वगैरा .... .और फिर होगा ये कि जब तक कुछ करेंगे ,आपको बराबर घेरे रहेंगे वो.
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* 1 . उस समय आपको खाली नहीं रहना चाहिए कुछ करती हुई ही दिखाई दें.चाहे दूसरे कमरे में चली जाइये वहाँ चाहे जो चाहें करिए .चले जाना इसलिए भी अच्छा है कि काम करने का उनका बेतुका तरीका देख कर आप बिना टोके रह नहीं पाएँगी .पता नहीं पत्नी के सामने ऐसे करने लगते हैं या इस व्यक्ति के ढंग ही ऐसे हैं. बेकार में कहा-सुनी होने लगे तो जो काम हो रहा है उससे भी जाएँगी.
* 2 . दिखना यही चाहिए कि आप व्यस्त हैं .कुछ पढ़ना ही चाहें तो कोई कपड़ा और सुई-धागा सामने कर के, कोई देखे तो लगे कि कुछ सिलाई चल रही हैं.
* 3 .इधर आना हो तो हँसती हुई कदापि न आएं ,खुश न दिखाई दें नहीं तो वे समझेंगे मुझसे काम करा के खुश हो रही है .
* 4 . थोड़ा सा मुँह बना लें तो और अच्छा .किसी बात पर हँसी भी आए तो दूसरी जगह जाकर हँस आएँ ,इधर आने पर गंभीर होना या मुँह ज़रा चढ़ा होना फ़ायदेमंद है .इससे उनकी हिम्मत नहीं पड़ेगी कि कहें 'ज़रा यह उठा दो '', देखो तो ज़रा..' वगैरा वगैरा .... .और फिर होगा ये कि जब तक कुछ करेंगे ,आपको बराबर घेरे रहेंगे वो.
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वाह ! पर ये नुस्खे अब हमारे किसी काम के नहीं रहे...एक वक्त था जब आ सकते थे...बधाई इस रोचक पोस्ट के लिए...
जवाब देंहटाएंअब तो मेरे भी काम का नहीं रहा है ,पर समझ अब पाई हूँ इसलिए सोचा औरों का ही भला हो जाय !
हटाएंवाह , यह भी अनोखा रंग है आपका . असल में यह हास्य होते हुए भी बड़े काम की सीख है अगर किसी को इसे अमल में लाने का तमीज हो .
जवाब देंहटाएं...और मेरे घर में जिनको इससे मतलब होना चाहिए, उनको तो ब्लॉग से ही मतलब नहीं है. फिर भी मैंने उन्हें पढ़ा दिया है। अब ये उनके कितना काम आता है, भगवान जाने। …
जवाब देंहटाएंइन बातों की समझ आने में हम लोगों को समय लग जाता है ,अच्छा किया राहुल जी ,आपने उन्हें पढ़ा दिया.कोई तुली बैठी तो होंगी नहीं इत्मीनान से प्रयोग करे डालेंगी .
हटाएंmere jaison ke liye bahut mehetvpoorn hain.....lekin zameer se mazboor pati hun......(ha.ha.ha.) badhiya naseehat.
जवाब देंहटाएंबढ़िया नुस्खे। पतियों से काम करवाना हो तो हम भी काम कर ही रहे है यह महसूस करवाना बहूत ही जरूरी है।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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