बुधवार, 18 नवंबर 2020

सफ़ाई

  हमारी नातिन बड़ी सफ़ाई पसन्द है .

 एक बार की बात है मेरा कंघा नहीं मिल रहा था.

वह बोली,'नानी मेरा ले लीजिये .' 

'ढूँढ रही हूँ.अभी मिल जायेगा,जायेगा कहाँ !'

 ' मुझे पता है आप किसी के कंघे से बाल नहीं काढतीं .मेरा बिल्कुल साफ़ रखा है .आपने उस दिन ब्रश से साफ़ किया था ,तब से वैसा ही रखा है. ' 

'क्यों तुम उससे बाल नहीं काढ़तीं ?' 

'मैं तो मम्मी के से काढ़ लेती हूँ , मेरा कंघा हमेशा बिल्कुल साफ़ रखा रहता है.' 

 सुन कर मैं तो हक्की-बक्की. आगे कुछ सूझा ही नहीं.

अब आप देख लीजिये  -

ऐसी होती है सफ़ाई ! 

*


12 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२१-११-२०२०) को 'प्रारब्ध और पुरुषार्थ'(चर्चा अंक- ३८९८) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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  2. ये इंस्टेंट जवाब आज कल हर घर में मौजूद होता है प्रत‍िभा जी...

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  3. सफाई रखने का लाजवाब तरीका

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  4. वाह!!!
    सही कहा आपने अपना कंघा साफ रखना है मम्मी के कंघे को यूज किया...।
    सफाई का नया तरीका।

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  5. सुन्दर रचना, निःसंदेह आज की पीढ़ी सफ़ाई पसंद है - - नमन सह।

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  6. चतुराई भरा सफाई का तरीका बेहद पसंद आया.. सुन्दर सृजन.

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  7. वाह! इस मासूमियत पर मन मोह गया।
    सुंदर।

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  8. इसे कहते हैं प्रेम
    एक बार जो सफाई हुई तो उसे यादगार बना कर रख लिया
    सुंदर

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  9. इतनी सफाई! बहुत बढ़िया । हँसी नहीं रुक रही ।

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