tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post9020862782872739749..comments2024-02-08T23:02:04.166-08:00Comments on लालित्यम्: 'यो मां जयति संग्रामे.....'प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-41139748595003577792012-10-20T07:20:16.623-07:002012-10-20T07:20:16.623-07:00बहुत सार्थक प्रस्तुति..बहुत सार्थक प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-17934335615593306292012-10-19T20:34:19.117-07:002012-10-19T20:34:19.117-07:00इन्द्रिय सुख सर्वाधिक पशुओं एवं अन्य प्राणियों मे...इन्द्रिय सुख सर्वाधिक पशुओं एवं अन्य प्राणियों में होता है इसलिए मनुष्य को इसी पशुता से बचने के लिए इन्द्रिय निग्रह का संस्कार दिया जाता है। बहुत अच्छी प्रेरक कथा रही। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-70260528421644508462012-10-19T11:55:17.706-07:002012-10-19T11:55:17.706-07:00अत्यन्त सार्थक, सशक्त एवं भाव-विभोर करने वाली प...अत्यन्त सार्थक, सशक्त एवं भाव-विभोर करने वाली प्रस्तुति है । गौरा एवं शंकर की रोचक कथा<br />के माध्यम से नारी-शक्ति को नवरात्र के श्रेयस्कर एवं आह्लादकारी संदेश ने मन के अन्तर्तम<br />को छू लिया , जिसे आत्मसात करने के लिये कई बार पढ़ा । इस ललित आलेख। से प्राप्त आनन्द<br />के लिये आभार । नवरात्र की शुभकामनाएँ ।शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-47327567734117704602012-10-19T10:55:17.296-07:002012-10-19T10:55:17.296-07:00एक सार्थक प्रस्तुति।
नवरात्रि की शुभकामनाएं।एक सार्थक प्रस्तुति।<br />नवरात्रि की शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-74130142422525009912012-10-18T19:07:53.620-07:002012-10-18T19:07:53.620-07:00ईमेल से प्राप्त-
प्रतिभा जी , इस कविता के माध्यम स...ईमेल से प्राप्त-<br />प्रतिभा जी , इस कविता के माध्यम से सभी ओरतों की आवाज़ को आवाज़ दी है आपने .सुन्दर रचना। मैं अपना कमेंट पोस्ट नहीं कर पा रही हूँ ।।कृपया इसे पोस्ट कर दे।आभार।<br />-Kavita Verma प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-24962783189424992102012-10-18T09:54:53.861-07:002012-10-18T09:54:53.861-07:00नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें ...........बेह्तरीन...नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें ...........बेह्तरीन अभिव्यक्ति Dr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-17176000102712759982012-10-18T05:37:48.892-07:002012-10-18T05:37:48.892-07:00शिव पार्वती संवाद के माध्यम से सकारात्मक प्रस्तुति...शिव पार्वती संवाद के माध्यम से सकारात्मक प्रस्तुति ...नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-54166793199993945512012-10-18T02:30:38.185-07:002012-10-18T02:30:38.185-07:00बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
बेह्तरीन अभिव्य...बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...<br />बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!<br />शुभकामनायें.<br />.आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.<br />Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-9862278305367314792012-10-18T01:28:16.606-07:002012-10-18T01:28:16.606-07:00वाह ! शिव-पार्वती की कथा के माध्यम से गहरा बोध..पश...वाह ! शिव-पार्वती की कथा के माध्यम से गहरा बोध..पशु नहीं पशुपति ही वरणीय है..आभार!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-49982799317753217102012-10-17T20:47:56.836-07:002012-10-17T20:47:56.836-07:00और आज भी ये परम्परा कायम है कि पैर पर नाक रगड़ कर ...और आज भी ये परम्परा कायम है कि पैर पर नाक रगड़ कर गला रेतो. और नारी जाने-अनजाने मरती रहती है.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-71150277334242048102012-10-17T18:53:00.082-07:002012-10-17T18:53:00.082-07:00उसे पशु नहीं पशुपति चाहिए ....एक पंक्ति में नारी म...उसे पशु नहीं पशुपति चाहिए ....एक पंक्ति में नारी मन की चाहत को पूरी तरह व्यक्त कर दिया आपने .. Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-89977588217004406102012-10-17T10:46:07.523-07:002012-10-17T10:46:07.523-07:00आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 18-10 -2012 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....<br />मलाला तुम इतनी मासूम लगीं मुझे कि तुम्हारे भीतर बुद्ध दिखते हैं ....। .</a><br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-86969525401732669292012-10-17T02:58:29.628-07:002012-10-17T02:58:29.628-07:00shiv-parvati katha sunkar bahut aanand aaya. aur i...shiv-parvati katha sunkar bahut aanand aaya. aur iske bheetar chhupa gyan marg bhi samjha.<br /><br />sach kaha nari ko pashu nahi pashupati chaahiye.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-1008013244483882132012-10-16T22:57:31.032-07:002012-10-16T22:57:31.032-07:00सार्थकता लिये सटीक लेखन ... नवरात्रि की अनंत शुभका...सार्थकता लिये सटीक लेखन ... नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएंसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-84199116839475298042012-10-16T22:19:48.121-07:002012-10-16T22:19:48.121-07:00बस यहीं हार मान लेती है नारी .... रोचक कथा से सब क...बस यहीं हार मान लेती है नारी .... रोचक कथा से सब कुछ बता दिया ... <br /><br />नवरात्र की मंगल-बेला में नारी-मात्र का संकल्प यही हो कि हम पशुबल से हारेंगी नहीं !<br />अंततः जीत उन्हीं की होगी क्योंकि ,प्रकृति और संसृति दैहिकता-प्रधान न होकर मानसधर्मी सक्रिय शक्तियाँ हैं .वहाँ देह का पशु कभी जीत नहीं सकता ,श्रेष्ठता का वरण ही काम्य है और उसी में सृष्टि का मंगल है !<br /><br />सार्थक संदेश दिया है .... नवरात्रि की शुभकामनायें संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com