tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post345491921811500140..comments2024-02-08T23:02:04.166-08:00Comments on लालित्यम्: सुना आपने ?प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-14054455214456135822016-04-05T01:36:39.355-07:002016-04-05T01:36:39.355-07:00हाँ सलिल,मेरी समझ में नहीं आता कि अपने ही नियमों क...हाँ सलिल,मेरी समझ में नहीं आता कि अपने ही नियमों को सरकार स्वयं क्यों भंग करती है?जो दंडनीय है उसे पुरस्कृत कर मुफ़्तखोरी के लिये प्रोत्साहित करती है .कर्तव्यपरायण और ईमानदार नागरिक ही किसी राष्ट्र की असली संपदा होते हैं और नियम पालन करवाना शासन का काम है .जिस सुविधा का उपभोग किया उसका मोल चुकाना निष्ठवान नागरिक का कर्तव्य है पर उससे विरत कर लोगों को किस दिशा में ले जाने का काम कर रहे हैं ये लोग? <br /><br /> प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-35185796667447658662016-04-01T03:55:18.719-07:002016-04-01T03:55:18.719-07:00मम्मी! कोई इस तरह के छोटे-छोटे लाभ में उलझकर रह जा...मम्मी! कोई इस तरह के छोटे-छोटे लाभ में उलझकर रह जाता है और कोई मीठे-मीठे वादों की गोलियों के स्वाद में. आम जनता के मासिक बजट में दो पैसे बचते हैं तो उसे लगता है मानो कुबेर का ख़ज़ाना मिल गया या दाल में पानी की मात्रा थोड़ी कम हो गई. <br />मम्मी! गुजरात में चार साल पूरे होने को आ गये. बड़ा ही सम्पन्न प्रदेश है, लेकिन यहाँ कोई भी व्यक्ति अपने मकान का म्युनिसिपल टैक्स नहीं भरता. एक एक व्यक्ति के ऊपर टैक्स का बकाया लाखों में है और बरसों से है. लेकिन जानती हैं कि वे टैक्स क्यों नहीं जमा करते और इत्ना भारी बकाया होने के बाद भी कैसे चैन की नींद सोते हैं?? उन्हें पता है कि 5-7 सालों में सरकार सारे टैक्स माफ़ कर देगी और लाखों के टैक्स के बदले कुछ हज़ारों में वे छूट जाएँगे. और ये नगरपालिका वाले, कल मेरा ऑफिस सील करने आये थे. दस लोगों ने घेर लिया मुझे और कहा कि ऑफिस ख़ाली करो सील करना है. जब मैंने सारे टैक्स की रसीदें दिखाईं तो यह कहकर चले गये कि एक अरजी लिखकर इन रसीदों की कॉपी जमा करवाएँ. <br />मेरा तो सदा से यही मानना है कि जैसे चुहिया को चूहा ही मिला था, उसी तरह जनता जो डिज़र्व करती है उन्हें वही मिलता है! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-39895620405037080292016-03-31T05:55:22.819-07:002016-03-31T05:55:22.819-07:00दुखद है... पर समझना भी कौन चाहता है. दुखद है... पर समझना भी कौन चाहता है. shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-51416209989802371282016-03-30T00:18:16.565-07:002016-03-30T00:18:16.565-07:00जोरदार कटाक्ष..सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे चु...जोरदार कटाक्ष..सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे चुग्गे चुगाने वाले लम्बे समय तक नहीं टिक सकते..टुकड़ों में बाँट कर जब हम देश को देखेंगे तो लोगों के मध्य दूरी बढ़ती ही जाएगी..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com