tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post953142404582885439..comments2024-02-08T23:02:04.166-08:00Comments on लालित्यम्: एक थी तरु -16 & 17.प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-49506026575515106252011-05-21T09:21:01.733-07:002011-05-21T09:21:01.733-07:00क्यूँ चुप चाप गुज़ार देती हैं अपनी जिंदगियां, कुछ न...क्यूँ चुप चाप गुज़ार देती हैं अपनी जिंदगियां, कुछ नारियां। ये जीवन तो बहुत पुण्य कर्मों से मिलता है। इस पर अत्याचार सहकर हम स्वयं के साथ अन्याय करते हैं। कहानी में कुछ सुखद के इंतज़ार में.....थोडा मन उदास हो गया पढ़कर।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-62779344712895808972011-05-19T02:58:57.219-07:002011-05-19T02:58:57.219-07:00अपने अपने आकष पर गढ़ लेते हैं हम चरित्रों को, कौन ज...अपने अपने आकष पर गढ़ लेते हैं हम चरित्रों को, कौन जाने कब कहाँ से कौन सा कारण/स्थितियाँ/परिस्थितियाँ किसे किस सांचे में बिठा जाए।<br />इतना विस्तृत, इतना जीवंत और रोचक चित्रण!<br />चल रहा हूँ, साथ साथ।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-46320633046601032522011-05-15T16:00:55.302-07:002011-05-15T16:00:55.302-07:00अच्छा प्रवाह है...अच्छा लग रहा है पढ़कर..जारी रहिय...अच्छा प्रवाह है...अच्छा लग रहा है पढ़कर..जारी रहिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-53959321352626065312011-05-15T12:26:58.220-07:002011-05-15T12:26:58.220-07:00बहुत पहले शुरू शुरू में तरु की माताजी के लिए संशय ...बहुत पहले शुरू शुरू में तरु की माताजी के लिए संशय उभरा करते थे...कि वे ऐसी क्यूँ हैं..?? और उनकी अच्छी बातें भी आप कभी उकेरेंगी या नहीं..?? :) अच्छा लगा आज बहुत उनके बारे में कुछ अच्छा भी पढ़ के...<br /><br />और...''निश्चिन्त जीवन जीना कभी कभी वाकई गुनाह ही लगता है..''<br /><br />असित के साथ शादी के बाद भी तरल खुश रह पाएगी....मुझे नहीं लगता...हालाँकि ये कहानी है..फिर भी अनुभूति हो रही है...असित शायद अच्छा जीवनसाथी न साबित हो...खैर...आगे प्रतीक्षा रहेगी.......Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.com