tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post8408902446516035266..comments2024-02-08T23:02:04.166-08:00Comments on लालित्यम्: कृष्ण सखी - 10.प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-82592502266245946782011-11-05T12:09:45.539-07:002011-11-05T12:09:45.539-07:00jaha purush aur vo bhi bhai ekatrit hon vaha nari ...jaha purush aur vo bhi bhai ekatrit hon vaha nari apni sthiti gaun hi paati hai....yahi vidamabana tab se abhi tak chali aa rahi hai.<br /><br />apka lekham aur hamara pathan u hi jari rahe.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-22547730303267234972011-10-29T04:56:08.829-07:002011-10-29T04:56:08.829-07:00जीवन के किसी न पड़ाव पर यह एहसास होता ही है की वह (...जीवन के किसी न पड़ाव पर यह एहसास होता ही है की वह (स्त्री) गौड़ है। और यही सच भी है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-82033112876373886802011-10-29T02:12:50.005-07:002011-10-29T02:12:50.005-07:00आपके पोस्ट पर आना बहुत अच्छा लगा ।
बहुत सुन्दर रच...आपके पोस्ट पर आना बहुत अच्छा लगा । <br />बहुत सुन्दर रचना|<br />आपको तथा आपके परिवार को दिवाली की शुभ कामनाएं!!!!मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-38811651063852370322011-10-28T16:38:44.662-07:002011-10-28T16:38:44.662-07:00प्रतिभा जी,आपकी इस अद्भुत अभिव्यक्ति की विशिष्ट शै...प्रतिभा जी,आपकी इस अद्भुत अभिव्यक्ति की विशिष्ट शैली की प्रशंसा के लिये हर बार नये शब्द ढूँढ पाना मेरे लिये अत्यन्त कठिन कार्य सा हो गया है।पांचाली और कृष्ण के वाद-संवादों में मन खो सा जाता है,वे देर तक मन पर छाए रहते हैं-आँखों में दृश्य दीखने लगता है,सब कुछ सजीव सा हो उठता है।आपकी सशक्त लेखनी को<br />शतशः नमन।।शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-77505302658168779402011-10-24T10:07:26.233-07:002011-10-24T10:07:26.233-07:00आपकी लेखनी के हम तो मुरीद हैं ही।
दीपावली की हार्...आपकी लेखनी के हम तो मुरीद हैं ही।<br /><br />दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-54945201668396670152011-10-24T02:33:46.093-07:002011-10-24T02:33:46.093-07:00कभी-कभी लगता है सब शामिल हैं उसमें .एक साथ ये पांच...कभी-कभी लगता है सब शामिल हैं उसमें .एक साथ ये पांचो -इनका भ्रातृत्व का रिश्ता सबसे ऊपर है - मैं सब के लिये गौण रह गई हूँ ...समझ नहीं पाती किसका आसरा करूँ <br /><br />द्रौपदी की मन:स्थिति को बहुत सुन्दर ढंग से उकेरा है ..<br /><br />मैं तो इस श्रृंखला को मनोयोग से पढ़े जा रही हूँ ..<br /><br />दीपावली की शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com