tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post8267244257220169242..comments2024-02-08T23:02:04.166-08:00Comments on लालित्यम्: कृष्ण-सखी - 25. & 26.प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-56729258593758065332012-04-29T12:38:48.308-07:002012-04-29T12:38:48.308-07:00कितना विचित्र है न सब प्रतिभा जी..द्रौपदी की ममताघ...कितना विचित्र है न सब प्रतिभा जी..द्रौपदी की ममताघटोत्कच के लिए अनुभव कर मन प्रसन्न होता है....पर कभी कभी सोचती हूँ..तो लगता है कैसे उस समय की नारी अपने मन को समझा पाने में समर्थ होती होंगी? हिडिम्बा की तरह पांडवों की अन्य पत्नियाँ आखिर किस तरह से एक दूसरे के अवचेतन को प्रभावित करती होंगी? जैसे कि कहा जाता है..पांडवों के और भी विवाह हुए..किसी न किसी रूप में धर्म और अधर्म के युद्ध में सहायक बनने हेतु । क्या उनकी स्त्रियाँ मात्र अपने स्वामी के युद्ध विजय के लक्ष्य को ही सर्वोपरि रखकर अपने मन की उथल पुथल को शांत कर लेतीं होंगी? शायद उनका मानस क्षेत्र अतिविकसित और अधिक स्वस्थ होता होगा।अपने अधिकार क्षेत्र में दो या अधिक नारियों के अस्तित्व से उन्हें कम ही पीड़ा पहुँचती होगी....मैंने यही निष्कर्ष निकाला..:)<br />लेखन और इस अंश के लिए कुछ नहीं कह सकती...मैं योग्य ही नहीं...इसलिए अपने मन की दो चार बातें कह लीं।पांचाली का हर अंश मेरे मन में बहुत सी दुविधा और शान्ति छोड़कर जाता है।जाने कितनी देर अपने विचारों को आपके शब्दों पर तौलती रहूंगी मैं..:)<br />(miss किया 'पांचाली' बहुत अधिक....पढ़कर मन को तृप्ति हुई..:) )Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-53300295820090360182012-02-16T21:56:09.298-08:002012-02-16T21:56:09.298-08:00बहुत बेहतरीन....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत...बहुत बेहतरीन....<br />मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-88175942297719150612012-02-05T03:39:43.714-08:002012-02-05T03:39:43.714-08:00पांचाली और पाण्डवों की महागाथा का अंश पढ़कर बहुत अ...पांचाली और पाण्डवों की महागाथा का अंश पढ़कर बहुत अच्छा लगा।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-10617328383394686162012-02-03T07:06:47.926-08:002012-02-03T07:06:47.926-08:00aap jitni mehnat karti hain uske liye hamre chand ...aap jitni mehnat karti hain uske liye hamre chand shabd likh dena tuchh hai. lekin jitni gyan ganga beh kar ham tak pahunch rahi hai aur jitne ham laabhanwit ho rahe hain uske liye main aapki jingi bhar rini rahungi. aapne meri jigyasa poorn ki. iske liye bahut abhibhoot hun.<br />dhanywad kah kar apke lekhan ki garima ko tolungi nahi.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-23312860195380870262012-02-03T05:20:19.323-08:002012-02-03T05:20:19.323-08:00पांचाली के हर कृत्य का सूक्ष्म विश्लेषण और पांडवो...पांचाली के हर कृत्य का सूक्ष्म विश्लेषण और पांडवों के जन्म की कथा जानने की उसकी जिज्ञासा ...सब पढ़ कर अभिभूत हूँ ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-43165969794689423262012-02-02T23:01:27.077-08:002012-02-02T23:01:27.077-08:00Beautiful narration. Hats off to you mam.Beautiful narration. Hats off to you mam.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-42178676533048647242012-02-02T18:57:28.825-08:002012-02-02T18:57:28.825-08:00पांचाली की जिज्ञासा पर कृष्ण द्वारा पूर्व उपाख्यान...पांचाली की जिज्ञासा पर कृष्ण द्वारा पूर्व उपाख्यानों का उद्घाटन सुरुचिपूर्ण है और ज्ञानवर्धक भी। कथा का प्रवाह और सरसता निरन्तर बनी हुई है।सूक्ष्मातिसूक्ष्म तथ्यों के ज्ञान की व्यापकता से मैं विस्मित<br />हूँ और अभिभूत भी। लेखनी का साधुवाद !!!शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-82298158230608376832012-02-02T09:23:41.086-08:002012-02-02T09:23:41.086-08:00कितना सूक्ष्म, कितना विस्तृत!
चमत्कृत हूँ, मुग्ध भ...कितना सूक्ष्म, कितना विस्तृत!<br />चमत्कृत हूँ, मुग्ध भी।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.com