tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post7814231809550202792..comments2024-02-08T23:02:04.166-08:00Comments on लालित्यम्: अराल(अरल) सागर सूख गया -प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-37507643674523301082016-09-28T02:32:21.039-07:002016-09-28T02:32:21.039-07:00भविष्यवाणी का तो पता नहीं लेकिन तीसरे विश्व युद्ध ...भविष्यवाणी का तो पता नहीं लेकिन तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़े तो हैं . संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-84857502078175076522016-09-08T20:43:19.381-07:002016-09-08T20:43:19.381-07:00गंगा ! गंगा का उल्लेख कर द्रवित कर दिया सलिल तुमने...गंगा ! गंगा का उल्लेख कर द्रवित कर दिया सलिल तुमने ,उनके यों विरूपित होने का विचार ही मन को व्यथित कर देता है गंगा सूख जायँ और हम इस धरती पर हों वह नौबत ही न आये !.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-79130937934312426002016-09-07T23:11:01.396-07:002016-09-07T23:11:01.396-07:00प्रकृति के साथ मानव ने बहुत खिलवाड़ किया है जिसका प...प्रकृति के साथ मानव ने बहुत खिलवाड़ किया है जिसका परिणाम है अरल सागर के सूख जाने जैसी घटना..कभी तो सचेत होगा मानव.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-60667255172675707432016-09-07T23:06:53.496-07:002016-09-07T23:06:53.496-07:00डरावना...सच..डरावना...सच..Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-7608944189890062542016-09-07T22:20:09.445-07:002016-09-07T22:20:09.445-07:00बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी प...बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |<br />https://www.facebook.com/MadanMohanSaxena<br /><br />http://madan-saxena.blogspot.in/<br />http://mmsaxena.blogspot.in/<br />http://madanmohansaxena.blogspot.in/<br />http://mmsaxena69.blogspot.in/Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-2559113169735877302016-09-07T08:57:24.347-07:002016-09-07T08:57:24.347-07:00आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन नीरजा भनोट और ब्लॉग...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/neerja-bhanot.html" rel="nofollow">नीरजा भनोट और ब्लॉग बुलेटिन</a> में शामिल किया गया है। <b>कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।। </b>HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-76207521285313907462016-09-06T08:27:01.110-07:002016-09-06T08:27:01.110-07:00मम्मी!
किसी भी जलाशय का सूख जाना एक दुखद घटना होती...मम्मी!<br />किसी भी जलाशय का सूख जाना एक दुखद घटना होती है. गंगा नदी का सूख जाना मैंने अपनी आँखों के सामने देखा है, और जब जब देखा है तब तब आँख से आँसू निकले हैं. अब तो ये हाल है कि पटना जाता हूँ तो गंगा दिखाई भी नहीं देती और मेरी देखने की हिम्मत भी नहीं होती. भूमंडल पर ७०% जल है, ऐसे में जलाशयों का संकुचित होना, जीवन के संकुचित होने का लक्षण है. <br />कहते हैं गुजरात का रण भी कभी लहराता सागर था. वहाँ के लोग सागर के मरुभूमि होने जाने को अहंकार के धूसरित होने के मुहावरे के रूप में उद्धृत करते हैं. <br /><br />रही बात भविष्यवाणी की. सच या झूठ मैं नहीं कह पाऊँगा. लेकिन जब कभी भविष्यवाणियों की बात होती है तो मुझे शेक्सपियेर का नाटक "मैकबेथ" याद आ जाता है. जिसमें तीन चुडैलों द्वारा की गयी भविष्यवाणियाँ समय समय पर सच होती हैं. लेकिन उनका सच होना किस प्रकार संभव होता है, इसका वर्णन शेक्सपियेर से बेहतर कोई नहीं कर सकता.<br /><br />एक अछूते विषय पर आपने जो बात रखी है उसका प्रमाण अभी से ही मिलना प्रारम्भ हो गया है, मम्मी! दस प्रतिशत बचा अराल सागर, क्या १०%बची मानवता का प्रतीक नहीं? आपने सही कहा है, जिस दिन यह बचा खुचा दस प्रतिशत भी समाप्त हुआ, उस दिन बिना तीसरे विश्वयुद्ध के सब समाप्त हो जाएगा. प्रदूषित यमुना भी (जिसे मैं कालिंदी से काली नदी कहता हूँ) दिल्ली के समाज को कितना प्रदूषित कर गयी है किससे छिपा है!<br />अब बस! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5955233793822175648.post-27457228809209224122016-09-06T08:23:15.690-07:002016-09-06T08:23:15.690-07:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-09-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> हो गए हैं सब सिकन्दर इन दिनों ...चर्चा मंच ; 2458 </a> पर भी होगी। <br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11652932495591922443noreply@blogger.com